HOME
ABOUT US
CONTACT US
Language
HINDI
ENGLISH
MARATHEE
GUJARATI
TELGU
ODIYA
QUICK LINKS
--CHAPTER NUMBER--
1. सृष्टि उत्पत्ति एवं धर्मोत्पत्ति विषय
2. संस्कार एवं ब्रह्मचर्याश्रम विषय
3. समावर्तन, विवाह एवं पञ्चयज्ञविधान-विधान
4. गृह्स्थान्तर्गत आजीविका एवं व्रत विषय
5. गृहस्थान्तर्गत-भक्ष्याभक्ष्य-देहशुद्धि-द्रव्यशुद्धि-स्त्रीधर्म विषय
6. वानप्रस्थ-सन्यासधर्म विषय
7. राजधर्म विषय
8. राजधर्मान्तर्गत व्यवहार-निर्णय
9. राज धर्मान्तर्गत व्यवहार निर्णय
10. चातुर्वर्ण्य धर्मान्तर्गत वैश्य शुद्र के धर्म एवं चातुर्वर्ण्य धर्म का उपसंहार
11. प्रायश्चित विषय
12. कर्मफल विधान एवं निःश्रेयस कर्मों का वर्णन
--SHLOKE NUMBER--
HOME >>
CHAPTER HEADING >>
SHLOK
9. राज धर्मान्तर्गत व्यवहार निर्णय
क्रियाभ्युपगमात्त्वेतद्बीजार्थं यत्प्रदीयते ।तस्येह भागिनौ दृष्टौ बीजी क्षेत्रिक एव च ।।9/53
ओघवाताहृतं बीजं यस्य क्षेत्रे प्ररोहति ।क्षेत्रिकस्यैव तद्बीजं न वप्ता लभते फलम् ।।9/54
एष धर्मो गवाश्वस्य दास्युष्ट्राजाविकस्य च ।विहंगमहिषीणां च विज्ञेयः प्रसवं प्रति ।।9/55
एतद्वः सारफल्गुत्वं बीजयोन्योः प्रकीर्तितम् ।अतः परं प्रवक्ष्यामि योषितां धर्मं आपदि ।।9/56