Manu Smriti
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लशुनं गृञ्जनं चैव पलाण्डुं कवकानि च ।अभक्ष्याणि द्विजातीनां अमेध्यप्रभवानि च ।।5/5

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
‘‘द्विज अर्थात् ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्रों को मलीन, विष्ठा, मूत्रादि के संसर्ग से उत्पन्न हुए शाक, फल - मूलादि न खाना ।’’ (स० प्र० दशम समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
अतः, लहसुन, शलगम, प्याज, खुम्भ, और इसी प्रकार मलीन विष्रूठा आदि के संसर्ग से उत्पन्न होने वाले अन्य सअ शाक-फल-मूलादि द्विजों के लिए अभक्ष्य हैं।
 
USER COMMENTS
Comment By: pawan kumar Kaushal
Kya manv ko maans khana chahiae
Comment By: admin
pawan kumar kaushal जी नमस्ते मांसाहार कभी नहीं करना चाहिए
Comment By: krishna
Sir... Aaloo (potato) bhi to zameen me hi ugte hn jese shalgum or pyaz
Comment By: ADMIN
नमस्ते krishna जी यहाँ उन पदार्थों का उल्लेख है जो तामसिक भोजन की श्रेणी में आते है वैसे मुख्यतः वह भोजन न करे जो गंदगी में पैदा होते है धन्यवाद
 
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