Manu Smriti
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न वार्यपि प्रयच्छेत्तु बैडालव्रतिके द्विजे ।न बकव्रतिके पापे नावेदविदि धर्मवित् ।।4/192

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
(1) वैडालव्रतिक व (2) वक (बगुला) व्रतिक, और (3) मूर्ख इन तीनों ब्राह्मणों को धर्मात्मा पुरुष जल तक न देवें।
टिप्पणी :
मूर्ख ब्राह्मण को दान देने का मनुजी ने 192 व 193 व 194 श्लोक में इस कारण निषेध किया है कि कोई ब्राह्मण मूर्ख रहे। नोट - इस श्लोक के अनुसार आज कल के ब्राह्मण तो अवश्य ही नरकगामी होवेंगे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
धर्मवित् अर्थात् धर्मात्मा को चाहिये कि पानी भी न दें ऐसे ब्राह्मण को जो बैडालवृत्ति (बिल्ली की सी वृत्ति वाला) हो। न बगले की सी वृत्ति वाले को, न वेद न पढ़े हुये को।
 
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