Manu Smriti
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न हीदृशं अनायुष्यं लोके किं चन विद्यते ।यादृशं पुरुषस्येह परदारोपसेवनम् ।।4/134

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
परस्त्री से सम्भोग करने के सदृश्य (समान) संसार में कोई भी वस्तु आयु क्षीण करने वाला नहीं है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. गृहस्थ द्विज का इस संसार में पुरूष की आयु को घटाने वाला ऐसा कोई काम नहीं है जैसा कि परस्त्रीगमन करना है ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
संसार में पुरुष की आयु को क्षीण करने वाला ऐसा कोई पाप नहीं, जैसा कि परस्त्री-गमन है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(न हि ईदृशम् अनायुष्यम्) आयु को नष्ट करने वाली संसार में ऐसी और कोई वस्तु नहीं है जैसे पराई स्त्री का संसर्ग।
 
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