Manu Smriti
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ऋषयो दीर्घसंध्यत्वाद्दीर्घं आयुरवाप्नुयुः ।प्रज्ञां यशश्च कीर्तिं च ब्रह्मवर्चसं एव च ।।4/94

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
मन्त्रार्थद्रष्टा ऋषियों ने देर तक संध्योपासना करने के कारण लम्बी आयु, बुद्धि, यश, प्रसिद्धि और ब्रह्मतेज को प्राप्त किया है ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
क्योंकि ऋषिलोगों ने देर तक सन्ध्योपासन करने से दीर्घ आयु, बुद्धि, यश, कीर्ति तथा स्वाध्यायजन्य तेज प्राप्त किया था।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
देर तक संध्या करने से ऋषियों ने दीर्घ आयु पाई। बुद्धि भी, यश भी, कीर्ति भी और ब्रह्म-तेज भी।
 
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