Manu Smriti
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योऽसावतीन्द्रियग्राह्यः सूक्ष्मोऽव्यक्तः सनातनः ।सर्वभूतमयोऽचिन्त्यः स एव स्वयं उद्बभौ । ।1/7
यह श्लोक प्रक्षिप्त है अतः मूल मनुस्मृति का भाग नहीं है
 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जो मुक्त जीव इन्द्रियों से अलग, सूक्ष्म और सदा निश्चिन्त और सब सृष्टि के प्राण हैं, वे स्वयं ही साकल्पिक शरीरों में प्रविष्ट हुए।
 
USER COMMENTS
Comment By: akash
Ye shlok agar manusmruti ka bhag nahi hai to fir kyu likha gaya hai
Comment By: Admin
आकाश जी पूर्व में वामपंथियों द्वारा सनातन धर्म के ग्रन्थों को नष्ट करने के उद्देश्य से और अपने संविधान को प्रचारित करने के लिए यह मिलावट की गई निचे लिंक में एक विडियो है उससे आप आसानी से समझ पायेगे की मिलावट क्यों हुई कैसे हुई ? https://youtu.be/i8MnP3of1UE
Comment By: veer
Aap bahut hi mahan karya kar rahe hai. Kripya. Muche bhi kuch Marg dikhaiye ki Kaise. Mai Sanskrit ka Gyata banu. Aur kuch apka sahyog
Comment By: suraj Kumar Lodhi Rajpoot
Mujhe yah sunkar bahut hi dil ko pira hui ki hamare garantho KA sahi se rakh rakhao nahi huya or iski kisi ne ese apna kartawe nahi samjha .or fhir kuch wampanthi eseme galat baate jor dete hain jisase aaj hinduon me fhoot par gai hai (Apko mera koti koti naman hai ki Jo kuch bhi hai aapne ese ham tak pahunchaya or apne sanatan hone KA parichay diya ) ji Dhanywaad.l
Comment By: chirag Joshi
bahut accha hai ye
Comment By: ADMIN
नमस्ते suraj Kumar Lodhi Rajpoot जी आपका संदेश पढ़कर हमारा उत्साहवर्धन हुआ है, आपसे और अन्यों से भी निवेदन है की आप लोगों के प्रचार प्रसार से ही हम यह कार्य आगे बधा पायेंगे और सच अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा पायेंगे
Comment By: ADMIN
नमस्ते veer जी आप स्वाध्याय पर अधिक ध्यान दें किसी नजदीकी आर्य समाज से सम्पर्क कर वहां से किसी संस्कृत सिखाने वाले अध्यापक का सम्पर्क लीजिये और वहां से संस्कृत सीखिए आर्ष ग्रन्थों का स्वाध्याय कर आप कई विषयों के ज्ञाता बन सकते है हमारे साथ जुड़ने के लिए ptlekhram@gmail.com पर हमसे सम्पर्क करें
Comment By: Arun Biswa
Mai Arun Biswa aap logo se ya baat bolna chata hu ke mujhe Sanskrit shekne ka maan hai our Mai vedo par wiswas rahkta hu par Mai jis jagha par rahta hu waha Sanskrit sekhane wala Nahi hai Mai west Bengal alipur duwar Chunia jhora ka choti se chai bagan Mai rahne wala hu our Mai aabi baahr job karta hu hun mandir Mai sab akaterit too hote hai par koyi samjhane wala Nahi hai kaash ki asap hamari madat kar pate jo hame hamare mandir Mai hum logo ko ved our puran parah sake.
Comment By: ADMIN
ARUN जी नमस्ते आप नेट पर महेंद्र पाल आर्य सर्च करें उनसे सम्पर्क करने का प्रयास करें वे आपकी सहायता क्र सकते है
Comment By: पवन कुमार
श्लोक का अर्थ पढ़ने से ही पता चलता है कि यह श्लोक मिलावटी है । बहुत बहुत धन्यवाद आपका ।
 
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