Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
फल-फूल वाले जो पकने पर नाश होते हैं, औषध कहलाते हैं। जिनमें फूल नहीं लगता, केवल फल ही लगता है उन्हें वनस्पति कहते हैं। जिनमें फल-फूल दोनों लगते हैं, उन्हें वृक्ष कहते हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
(ये अपुष्पाः फलवन्तः) जिन पर बिना फूल आये ही फल लगते हैं (ते) वे (वनस्पतयः स्मृताः) ‘वनस्पतियाँ’ कहलाती हैं (जैसे - बड़ (वट), पीपल, गलूर आदि) (च) और (पुष्पिणः फलिनः एव) फूल लगकर फल लगने वाले (उभयतः) दोनों से युक्त होने के कारण (वृक्षाः) वे उद्धिज्ज स्थावर जीव ‘वृक्ष’ (स्मृताः) कहलाते हैं ।