Manu Smriti
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उद्भिज्जाः स्थावराः सर्वे बीजकाण्डप्ररोहिणः ।ओषध्यः फलपाकान्ता बहुपुष्पफलोपगाः । ।1/46

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सब स्थावर उदिभज कहाते हैं। कोई बीज से उत्पन्न होता है कोई कलम लगाने से होता है।
टिप्पणी :
जो पृथ्वी फोड़कर निकलते हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
(बीजकाण्डप्ररोहिणः) बीज और शाखा से उत्पन्न होने वाले (सर्वे स्थावराः) सब स्थावर (एक स्थान पर टिके रहने वाले) जीव वृक्ष आदि (उद्भिज्जाः) ‘उद्भिज’ - भूमि को फाड़कर उगने वाले कहाते हैं । इनमें - (फल - पाकान्ता) फल आने पर पककर सूख जाने वाले और (बहुपुष्पफलोपगाः) जिन पर बहुत फूल - फल लगते हैं , वे ‘ओषधि’ कहलाते हैं ।
 
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