Manu Smriti
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अण्डाजाः पक्षिणः सर्पा नक्रा मत्स्याश्च कच्छपाः ।यानि चैवंः प्रकाराणि स्थलजान्यौदकानि च । ।1/44

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
पक्षी, साँप, मछली, कछुवा यह सब अण्डज (अंडे से उत्पन्न होने वाले) हैं। इसी प्रकार जो स्थल (पृथ्वी) तथा उदक (जल) से उत्पन्न होते हैं। वे भी सब अण्डज हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
(पक्षिणः) पक्षी (सर्पाः) सांप (नक्राः) मगरमच्छ (मत्स्याः) मछलियां (च) तथा (कच्छपाः) कछुए (च) और (यानि) अन्य जो एवं (प्रकाराणि) इस प्रकार के (स्थलजानि) भूमि पर रहने वाले (च) और (औदकानि) जल में रहने वाले जीव हैं, वे सब (अण्डजाः) ‘अण्डज’ अर्थात् अण्डे से उत्पन्न होने वाले हैं ।
 
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