Manu Smriti
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रूपसत्त्वगुणोपेता धनवन्तो यशस्विनः ।पर्याप्तभोगा धर्मिष्ठा जीवन्ति च शतं समाः 3/40

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
रूप और उत्तम गुण, यश, भाग्य, धन और धर्म वाला होता है और सौ वर्ष पर्यन्त जीवित रह सकता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
वे पुत्र वा कन्या सुन्दर रूप, बल - पराक्रम, शुद्ध बुद्धि आदि उत्तम गुणयुक्त बहुधन युक्त पुण्य कीत्र्तिमान् और पूर्णभोग के भोक्ता धर्मात्मा होकर सौ वर्ष तक जीते हैं । (सं० वि० विवाह सं०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
वे सन्तान सुन्दर रूप वाले, बल पराक्रम शुद्धता बुद्धि आदि उत्तम (सत्त्व) गुण-युक्त, धनवान्, पुण्य कीर्तिमान् और पूर्ण भोगों के भोक्ता, अतिशय धर्मात्मा होकर सौ वर्ष तक जीते हैं।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(रूपसत्त्वगुण-उपेताः) रूपवान सतोगुणी (धनवन्तः) धनवान (यशस्विनः) यशस्वी (पर्याप्त भोगाः) काफी भोग वाले (धर्मिष्टः) धार्मिक (जीवन्ति च शतं समाः) और सौ वर्ष तक जीने वाले भी।
 
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