Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
हनन, छेदन अर्थात् कन्या के रोकने वालों का विदारण कर क्रोशती, रोती, कंपती और भयभीत हुई कन्या को बलात्कार हरण कर के विवाह करना वह ‘राक्षस विवाह’ ।
(सं० वि० विवाह सं०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
(७) मार कर, छीन कर, काट कर, कोसती (गाली देती) हुई और रोती हुई कन्या को बलात्कार हरण कर ले जाना राक्षस विवाह कहलाता है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(हत्वा छित्वा च) सम्बन्धियों को मार के या घायल करके (भित्वा च) या मकान को तोड़कर (क्रोशन्तीं रुदतीम्) रोती चिल्लाती (गृहात् प्रसह्म कन्याहरणम्) बलात्कार घर से कन्या को उठा ले जाना (राक्षसः विधिः उच्यते) राक्षस विधि कहलाती है।