Manu Smriti
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ब्राह्मो दैवस्तथैवार्षः प्राजापत्यस्तथासुरः ।गान्धर्वो राक्षसश्चैव पैशाचश्चाष्टमोऽधमः 3/21

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
1-ब्राह्म, 2-दैव, 3-आर्प, 4-प्राजापत्य, 5-आसुर, 6-गांधर्व, 7-राक्षस, 8-पैशाच। इनमें से आठवाँ विवाह अधम है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
ब्राह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत्य, आसुर गान्धर्व, राक्षस और $ पैशाच ये विवाह आठ प्रकार के होते हैं । (सं० वि० विवाह सं०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
ब्राह्म, दैव, आर्ष, प्राजात्य, आसुर, गान्धर्व, राक्षस और आठवां पैशाच, ये आठ प्रकार के विवाह होते हैं।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(ब्राह्मः) ब्राह्म विवाह (दैवः) दैव विवाह (तथा एव आर्षः) और आर्ष विवाह (प्राजापत्यः) प्राजापत्य विवाह (तथा असुरः) और असुर विवाह (गान्धर्वः) गन्धर्व विवाह (राक्षसः च एव) और राक्षस विवाह (पैशाचः च अष्टमः अधमः) और सबसे अधम आठवाँ पैशाच विवाह है।
 
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