Manu Smriti
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अव्यङ्गाङ्गीं सौम्यनाम्नीं हंसवारणगामिनीम् ।तनुलोमकेशदशनां मृद्वङ्गीं उद्वहेत्स्त्रियम् 3/10

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सर्वांग वाली, सुन्दर नाम वाली, हंसगामिनी तथा हाथी के समान चाल वाली हो और तनु के लोभ, केश और दाँत छोटे हों ऐसी स्त्री का पाणिग्रहण करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
जिसके सरल सूधे अंग हों, विरूद्ध नहीं जिसका नाम सुन्दर अर्थात् यशोदा, सुखदा आदि हो हंस और हथिनी के तुल्य जिसकी चाल हो सूक्ष्म लोम, केश, और दांत युक्त जिसके सब अंग कोमल हों, वैसी स्त्री के साथ विवाह करना चाहिए । (स० प्र० चतुर्थ समु०)
टिप्पणी :
‘‘किन्तु जिसके सुन्दर अंग, उत्तम नाम, हंस और हस्तिनी के सदृश चाल वाली, जिसके सूक्ष्म लोम, सूक्ष्म केश और सूक्ष्म दांत हों, जिसके सब अंग कोमल हों, उस स्त्री से विवाह करें ।’’ (स० वि० विवाह सं०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
किन्तु जिसके सरल सूधे अङ्ग हों विरुद्ध न हों, जिसका नाम सुन्दर हो, जिसकी चाल हसं और हथिनी के तुल्य हो, जिसके सूक्ष्म लोम सूक्ष्म केश और सूक्ष्म दांत हों, और जिसके सब अंग कोमल हों, उस स्त्री से विवाह करे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(अव्यंग + अंगामि) सुन्दर अंग वाली (सौम्यनाम्नीम्) सुन्दर नाम वाली (हंस + वारण + गामिनीम्) हंस और हाथी के समान चलने वाली को (तनु + लोभ + केश + दशनाम्) पतले रोम, केश और दांत वाली (मृदु + अंगीम्) कोमल शरीर वाली (उद्वहेत् स्त्रियम्) स्त्री के साथ विवाह करें।
 
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