Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
यदि सूर्योदय और सूर्यास्त समय ब्रह्मचारी घर से उपस्थित हो तो प्रायश्चित स्वरूप उस दिन जप करता हुआ उपवास करे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. तं चेत् यदि उसे कामचारतः शयानम् इच्छानुसार सोते हुए सूर्यः अभि + उदियात् सूर्य का उदय हो जाये अपि वा अथवा अविज्ञानात् निम्लोचेत् अनजाने में या प्रमाद के कारण सूर्य अस्त हो जाये तो दिनं जपन् उपवसेत् दिन भर गायत्री का जप करते हुए उपवास करे - खाना न खाये ।