Manu Smriti
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न तेन वृद्धो भवति येनास्य पलितं शिरः ।यो वै युवाप्यधीयानस्तं देवाः स्थविरं विदुः ।2/156

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
केशों के श्वेत होने से बड़ा नहीं कहलाता, वरन् जो कोई युवा है और विद्वान् है उसी को देवताओं ने बड़ा कहा है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. तेन वृद्धः न भवति उस कारण से वृद्ध नहीं होता येन अस्य शिरः पलितम् कि जिससे इसका शिर झूल जाये, केश पक जावें यः वै युवा अपि अधीयानः किन्तु जो जवान भी पढ़ा हुआ विद्वान् है तं देवाः स्थविरं विदुः उसको विद्वानों ने वृद्ध जाना और माना है । (सं० वि० वेदारम्भ सं०)
टिप्पणी :
‘‘शरीर के बाल श्वेत होने से बूढ़ा नहीं होता किन्तु जो युवा विद्या पढ़ा हुआ है, उसी को विद्वान् लोग बड़ा जानते हैं ।’’ (स० प्र० दशम समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
सिर के बाल श्वेत हो जाने से मनुष्य बूढ़ा नहीं होता। किन्तु जो युवा भी वेद पढ़ा हुआ है, उसी को विद्वान् लोग बड़ा समझते हैं।
 
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