Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सदैव सब जीवों का धारण करने वाला जो वेद शास्त्र है वही मनुष्य का श्रेष्ठ पुरुषार्थी हैं इस बात को मैं मानता हूँ।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
यह जो सनातन वेदशास्त्र है सो सब विद्याओं के दान से सम्पूर्ण प्राणियों का धारण और सब सुखों को प्राप्त कराता है, इस कारण से (मनु आदि) हम लोग उसको सर्वथा उत्तम मानते है, और इसी प्रकार मानना भी चाहिए , क्योंकि सब जीवों के लिए सब सुखों का साधन यहीं है । (ऋ. भा. भू. वेदविषयविचार)
टिप्पणी :
पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सनातन वेद-शास्त्र सब प्राणियों का पालन करता है। इसलिये इसको बड़ा मानता हूँ। क्योंकि प्राणी का इससे साधन सिद्ध होता है।