Manu Smriti
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अवाच्यो दीक्षितो नाम्ना यवीयानपि यो भवेत् ।भोभवत्पूर्वकं त्वेनं अभिभाषेत धर्मवित् ।2/128

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जो पुरुष अपने से छोटा है और यज्ञ करता है उसको यज्ञ में भो भवत् शब्द से बोलना (पुकारना) चाहिये नाम लेना अनुचित है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
दीक्षितः उपनयन में दीक्षित यः यवीयान् अपि भवेत् यदि कोई छोटा भी हो तो उसे नाम्ना अवाच्यः नाम लेकर नहीं पुकारना चाहिए धर्मवित् व्यवहार में चतुर व्यक्ति को चाहिए कि वह एनं ‘भो’ ‘भवत्’ पूर्वकम् अभिभाषेत् अपने से छोटे व्यक्ति को ‘भो’ ‘भवत्’ शब्दों से सम्बोधित करे ।
 
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