Manu Smriti
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ऊर्ध्वं प्राणा ह्युत्क्रामन्ति यूनः स्थविर आयति ।प्रत्युत्थानाभिवादाभ्यां पुनस्तान्प्रतिपद्यते ।2/120

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
वृद्ध पुरुषों के आने से छोटों के प्राण ऊपर को उठते हैं और छोटे लोग जब उठकर प्रणाम करते हैं तो उससे वे प्राण स्थिर हो जाते हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
स्थविरे, आयति विद्या, पद, आयु आदि में बड़ों के आने पर यूनः प्राणाः छोटों के प्राण उत्क्रामन्ति ऊपर को उभरते - से लगते हैं अर्थात् प्राणों में घबराहट - सी उत्पन्न होने लगती है हि किन्तु प्रत्युत्थाय - अभिवादाभ्याम् उठने और नमस्कार करने से पुनः फिर से तान् प्रतिपद्यते शिष्य प्राणों की सामान्य - स्वाभाविक स्थिति को प्राप्त कर लेता है अर्थात् प्राणों की घबराहट और उभराव दूर हो जाते हैं ।
 
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