Manu Smriti
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लौकिकं वैदिकं वापि तथाध्यात्मिकं एव वा ।आददीत यतो ज्ञानं तं पूर्वं अभिवादयेत् ।2/117

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जिससे लौकिक ज्ञान, वैदिक ज्ञान व ब्रह्मज्ञान सीखे उसको पहिले अभिवादन (प्रणाम) करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
यतः जिससे लौकिकम् लोक में काम आने वाला - शस्त्रविद्या, अर्थशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान आदि सम्बन्धी वा अथवा वैदिकम् वेदविषयक तथा तथा आध्यात्मिकम् एव आत्मा - परमात्मासम्बन्धी ज्ञानम् ज्ञान आददीत प्राप्त करे तम् उसको पूर्वम् अभिवादयेत् पहले नमस्कार करे ।
 
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