Manu Smriti
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धर्मेण च द्रव्यवृद्धावातिष्ठेद्यत्नं उत्तमम् ।दद्याच्च सर्वभूतानां अन्नं एव प्रयत्नतः ।।9/333

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
द्रव्य की वृद्धि में धर्मयुक्त उत्तम उपाय करें सब जीवों के खाने पाने का उत्तम रीति से प्रयत्न करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
वैश्य इस प्रकार धर्मपूर्वक धन की वृद्धि के लिए अधिक से अधिक यत्न करे और सब प्राणियों को प्रयत्नपूर्वक अन्न उपजाकर देता रहे ।
टिप्पणी :
पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
धर्म से धन को बढ़ाने में पूरा यत्न करें। सब प्राणियों को यत्न से अन्न पहुँचावें।
 
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