Manu Smriti
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बीजानां उप्तिविच्च स्यात्क्षेत्रदोषगुणस्य च ।मानयोगं च जानीयात्तुलायोगांश्च सर्वशः ।।9/330

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
खेत का दोष व गुण व बीज बोने की विद्या, प्रस्थ व वरुण आदि योगों का ज्ञाता तब तोला मापा आदि तोल परिणाम संख्याओं का ज्ञाता वैश्य होवे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
वैश्य सब प्रकार के बीजों को बोने की विधि को जानें और खेतों के दोष-गुणों को जाने तथा तोलने के बाटों और तराजुओं से सम्बद्ध सभी बातों की जानकारी रखें ।
टिप्पणी :
पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सब बीजों के धोने की विधि, खेत के गुण-दोष सब प्रकार की माप-तोल का भी वैश्य को ज्ञान होना चाहिये।
 
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