Manu Smriti
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मणिमुक्ताप्रवालानां लोहानां तान्तवस्य च ।गन्धानां च रसानां च विद्यादर्घबलाबलम् ।।9/329

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
मणि, मुक्ता (मोती), प्रवाल (मूँगा), लोहा, सूत व सुगन्धित द्रव्य तथा रस इन सबों का मूल्य देश काल को समझ कर न्यूनाधिक नियत करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
वैश्य मणि, मोती, प्रवाल आदि के लोहे आदि धातुओं के और कपड़ो के सुगन्धित कपूर, कस्तूरी आदि पदार्थों के और रस-रसायनों (पारा, नमक आदि) के मूल्यों के कम-अधिक भावों को जानें ।
टिप्पणी :
पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
मणि, मुक्ता, मूँगा, लोहा, कपड़ा, गन्ध, रस इन सब के भावों को घटी-बढ़ी का ज्ञान रक्खें।
 
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