Manu Smriti
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इन्द्रस्यार्कस्य वायोश्च यमस्य वरुणस्य च ।चन्द्रस्याग्नेः पृथिव्याश्च तेजोवृत्तं नृपश्चरेत् ।।9/303

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
राजा इन्द्र, सूर्य, वायु, यमराज, वरुण, चन्द्रमा, अग्नि, पृथिवी इनके गुण को ग्रहण करे और दुष्ट लोगों को नाश करके प्रीति व तेज का अंकुर उत्पन्न करें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
राजा इन्द्र, सूर्य, वायु, यम, वरूण, चन्द्रमा, अग्नि, पृथिवी इनके तेजस्वी स्वभाव के अनुसार ही आचरण-व्यवहार करे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
इन्द्र, सूर्य, वायु, यम, वरुण, चन्द्र, अग्नि और पृथिवी के तेज को राजा को धारण करना चाहिये।
 
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