Manu Smriti
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ग्रामेष्वपि च ये के चिच्चौराणां भक्तदायकाः ।भाण्डावकाशदाश्चैव सर्वांस्तानपि घातयेत् ।।9/271

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
गाँव में जो कोई चोरों को भोजन घर आदि सब प्रकार की सामग्री से सहायता करे राजा इनको भी नाश कर दे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
और गांवों में भी जो कोई चोरों को भोजन देने वाले, बर्तन और स्थान देने वाले हो राजा उन सबको भी दण्डित करे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
गाँवों में भी जो कोई चोरों से मिले हुए हैं, जो उनको बरतन, स्थान आदि से सहायता करते हैं, उन सब को दण्ड देना चाहिये।
 
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