Manu Smriti
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न होढेन विना चौरं घातयेद्धार्मिको नृपः ।सहोढं सोपकरणं घातयेदविचारयन् ।।9/270

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
बिना चोरी की वस्तु मिले राजा उन्हें दण्ड न दे। किन्तु यदि माल और सव्वल समेत यदि पकड़े जावें तो अवश्य दंड देवें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
धार्मिक राजा (होढेन बिना) चोरी का माल आदि प्रमाण के बिना चोर को न मारे, किन्तु चोरी का माल, और सेंध मारने आदि के औजार आदि प्रमाण उपलब्ध होने पर अवश्य दण्डित करे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
धार्मिक राजा किसी चोर को उस समय तक दण्ड न दे जब तक उसकी चोरी का प्रमाण न मिल जाय। यदि माल और चुराने के औजार मिल जायँ तो बिना संकोच के दण्ड दे देवें।
 
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