Manu Smriti
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एकादशेन्द्रियाण्याहुर्यानि पूर्वे मनीषिणः ।तानि सम्यक्प्रवक्ष्यामि यथावदनुपूर्वशः ।2/89

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
प्राचीन विद्वानों ने जो ग्यारह इंद्रियाँ बतलाई हैं अब उनको विस्तार-पूर्वक कहता हूँ तुम उनको ध्यान से सुनो।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. (पूर्वे मनीषिणः) पहले मनीषि - विद्वानों ने (यानि एकादश इन्द्रियाणि आहुः) जो ग्यारह इन्द्रियां कहीं हैं (तानि यथावत् अनुपूर्वशः) उनको यथोचित क्रम से (सम्यक् प्रवक्ष्यामि) ठीक - ठीक कहता हूँ ।
 
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