Manu Smriti
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रक्षनादार्यवृत्तानां कण्टकानां च शोधनात् ।नरेन्द्रास्त्रिदिवं यान्ति प्रजापालनतत्पराः ।।9/253

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
राजा प्रजा के पालन में संलग्न व तत्पर होकर अच्छे लोगों की रक्षा करे और काँटे निकालने से स्वर्ग को प्राप्त करता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
श्रेष्ठ आचरण वाले व्यक्तियों की रक्षा करने से और कण्टकों=कष्टदायक दुष्ट व्यक्तियों को दूर करने से प्रजाओं के पालन करने में तत्पर रहने वाले राजा उत्तम सुख को भोगते है ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
आर्य चरित्र वालों के संरक्षण और अनार्य आचरण वालों के शोधन से प्रजा-पालन में तत्पर राजालोग स्वर्ग को पाते हैं।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
आर्यों के आचार रखने वालों की रक्षा और काँटों का निवारण, तथा प्रजा-पालन में तत्पर राजा ’’त्रिदिवं‘‘ अर्थात् मोक्ष को प्राप्त होते हैं।
 
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