Manu Smriti
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अनपत्यस्य पुत्रस्य माता दायं अवाप्नुयात् ।मातर्यपि च वृत्तायां पितुर्माता हरेद्धनम् ।।9/217

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
यदि पुत्र निःसन्तान हो तो उसका धन उसकी माता लेवे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
सन्तानहीन पुत्र के धन को माता प्राप्त करे और माता मर गयी हो ते पिता की माता अर्थात् दादी उसके धन को ले ले।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
निःसन्तान पुत्र का हिस्सा उसकी माता को मिलेगा। और यदि माता भी मर चुकी हो, तो दादी को वह धन मिलेगा।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सन्तान रहित पुत्र का दायभाग माता को मिले। यदि माता न हो तो बाप की मां (दादी) को।
 
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