Manu Smriti
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सोदर्या विभजेरंस्तं समेत्य सहिताः समम् ।भ्रातरो ये च संसृष्टा भागिन्यश्च सनाभयः ।।9/212

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सब भ्राता व भगिनी जो उत्तराधिकारी हैं उस सहोदर भाई को बराबर बाँट लें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
(यदि पुत्र, स्त्री आदि न हो तो) सभी सगे भाई और जो सम्मिलित भाई तथा सब सगी बहने हैं, वे एकत्रित होकर उस धन को समान-समान बांट लेवे ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
जिन भाइयों के बीच में पत्नी व पुत्र के बिना बड़ा या छोटा भाई संन्यासी आदि हो जाने के कारण अपने भाग से हीन हो जावे, अथवा कोई मर जावे, तो उस का दायभाग मारा नहीं जाता। परन्तु उसके भाग को सगे भाई जोकि विभक्त अथवा मिले हुए हों, और सगी बहिनें, ये सव परस्पर में बराबर-बराबर बाँट लें।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
किन्तु उसके सगे भाई बहन उस भाग को आपस में बराबर-बराबर बांट लेंगे।
 
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