Manu Smriti
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पुंनाम्नो नरकाद्यस्मात्त्रायते पितरं सुतः ।तस्मात्पुत्र इति प्रोक्तः स्वयं एव स्वयंभुवा ।।9/138
यह श्लोक प्रक्षिप्त है अतः मूल मनुस्मृति का भाग नहीं है
 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
पुन्नाम नरक का है उसके अर्थ रक्षा करने वाले के हैं क्योंकि पुत्र पिता की नरक से रक्षा करता है इस कारण से पुत्र कहाता है इस बात को श्री ब्रह्माजी ने कहा है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
लड़का ”पुन“ नाम नरक से पिता को ”त्रायते“ अर्थात् बचाता है। इसलिये लड़के को ब्रह्म ने पुत्र कहा है।
 
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