Manu Smriti
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न कश्चिद्योषितः शक्तः प्रसह्य परिरक्षितुम् ।एतैरुपाययोगैस्तु शक्यास्ताः परिरक्षितुम् ।।9/10

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
कोई मनुष्य शक्ति से बाँध कर स्त्री को वश में नहीं रख सकता, वरन् निम्नांकित विषयों द्वारा स्त्री को अपने वश में रख सकता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
कोई भी व्यक्ति जबरदस्ती या दबाव के साथ स्त्रियों की (कुसंगो) से रक्षा नही कर सकता किन्तु इन आगे कहे उपायों में लगाने से उनकी रक्षा की जा सकती है –
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
कोई भी (योषितः प्रसह्म परि रक्षितुम् शक्तः न) स्त्रियों की जबरदस्ती रक्षा करने में समर्थ नहीं हो सकता। परन्तु इन-इन उपायों से उनकी रक्षा हो सकती है।)
 
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