Manu Smriti
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इमं हि सर्ववर्णानां पश्यन्तो धर्मं उत्तमम् ।यतन्ते रक्षितुं भार्यां भर्तारो दुर्बला अपि ।।9/6

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सब वर्णों के उत्तम धर्म को देखते हुये निर्बल पति भी स्त्री की रक्षा के अर्थ परिश्रम तथा प्रयत्न करते हैं।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
सब वर्णों के इस श्रेष्ठ धर्म को देखते हुए दुर्बल पति भी अपनी स्त्री की रक्षा करने के लिए यत्न करते हैं ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सब वर्णों के इस उत्तम धर्म को जानने वाले दुबले पति भी अपनी स्त्री की रक्षा करने का यत्न किया करते हैं।
 
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