Manu Smriti
 HOME >> SHLOK >> COMMENTARY
सूक्ष्मेभ्योऽपि प्रसङ्गेभ्यः स्त्रियो रक्ष्या विशेषतः ।द्वयोर्हि कुलयोः शोकं आवहेयुररक्षिताः ।।9/5

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
थोड़े सम्भोग से भी स्त्रियों की रक्षा करनी चाहिये। स्त्रियाँ अरक्षितावस्था में रहने से दोनों कुल (अर्थात् पतिकुल व पिताकुल) को शोकित करती है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
थोड़े कुसंग के अवसरों से भी स्त्रियों की विशेषरूप से रक्षा करनी चाहिए क्योंकि अरक्षित स्त्रियां दोनों कुलों = पति तथा पिता के कुलों को शोकसंतप्त कर देती हैं ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
सूक्ष्म कुसंगों से भी स्त्रियों को विशेष रक्षा करनी चाहिये। यदि उनकी रक्षा न की जायेगी तो वे दोनों कुलों के शोक का कारण हो जायेंगी।
 
NAME  * :
Comments  * :
POST YOUR COMMENTS