Manu Smriti
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उद्धृते दक्षिने पाणावुपवीत्युच्यते द्विजः ।सव्ये प्राचीनावीती निवीती कण्ठसज्जने ।2/63

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
वाम (बायें) कन्धे पर जनेऊ रहने से उपवीती अर्थात् सत्य कहलाता है और दक्षिण (दाहिने) कन्धे पर रहने से प्राचीन आवीती अर्थात् अपसत्य कहलाता है और कण्ठ (गले) में रहने से निवीती कहलाता है।
 
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