Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
सामान से लदी हुई गाड़ियों का कर समान के अनुसार होना चाहिये अर्थात् यदि गाड़ी में बहुमूल्य व अधिक तौल का भारी सामान हो तो उससे अधिक कर लेना चाहिये और जिस गाड़ी में अल्प व अल्प मूल्य तोल का सामान हो उससे अल्प कर लेनी चाहिये, तथा रिक्त (खाली) गाड़ियों वा से मनुष्यों से जिनके पास सामान न हो अल्प (थोड़ा) कर लेना चाहिए।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
वस्तुओं से भरी हुई गाडि़यों को पार उतारने का किराया उनके भारी और हल्केपन के अनुसार देवे खाली बर्तन और निर्धन व्यक्ति इनका थोड़ा सा किराया ले लेवे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(भाण्ड पूर्णानि यानानि) माल भरी गाड़ियों पर (सारतः) माल के अनुसार कर लगाना चाहिये। खाली गाड़ी या दरिद्र से कुछ न कर लिया जाय।