Manu Smriti
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पञ्चरात्रे पञ्चरात्रे पक्षे पक्षेऽथ वा गते ।कुर्वीत चैषां प्रत्यक्षं अर्घसंस्थापनं नृपः ।।8/402

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
वस्तुओं की दर प्रति सप्ताह व पाँच दिन में नियत होनी चाहिये और उसका अधिकार राजा के हाथ में होना चाहिये।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
पांच - पांच दिन या पन्द्रह - पन्द्रह दिन पश्चात् राजा व्यापारियों के सामने मूल्य का निर्धारण करे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
राजा को चाहिये कि पांच-पांच दिन या एक एक पक्ष का भाव स्वयं निश्चित करा दिया करे।
 
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