Manu Smriti
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शुल्कस्थानं परिहरन्नकाले क्रयविक्रयी ।मिथ्यावादी च संख्याने दाप्योऽष्टगुणं अत्ययम् ।।8/400

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जिस स्थान पर राजकर लिया जाता है उस स्थान को त्याग ने वाला, असमय बेचने व खरीदने वाला घटि तौला (कम तौलने वाला) राजकर का अठगुना दण्ड स्वरूप देवे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. चुंगी के स्थान को छोड़कर दूसरे रास्ते से सामान ले जाने वाला असमय में अर्थात् रातादि में गुप्तरूप से सामान खरीदने और बेचने वाला और माप तौल में झूठ बतलाने वाला, इनको मूल्य के आठगुने दण्ड से दण्डित करे ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
(शुल्कस्थानंपरिहरन्) चुंगी के स्थान को छोड़कर (अकाले क्रय विक्रयी) दूसरे स्थान में खरीदने या बेचने वाला (संस्थाने मिथ्या वादी च) और तोल आदि में झूठा व्यवहार करने वाला अठगुने जुर्माने के योग्य है।
 
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