Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
राजा के योग्य जो वस्तु हैं वा जिस वस्तु को अन्य के हाथ बेचने को वर्जित किया है, उन वस्तुओं को लोभवश दूसरे स्थान पर बेचें तो उसकी सारी सम्पत्ति राजा हरण कर लेवे।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
राजा के प्रसिद्ध बरतन और जिन वस्तुओं का देशान्तर में ले जाना निषिद्ध घोषित कर दिया है लोभवश उन्हें देशान्तर में ले जाने वाले का राजा सर्वस्व हरण कर ले ।