Manu Smriti
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एतेषां निग्रहो राज्ञः पञ्चानां विषये स्वके ।सांराज्यकृत्सजात्येषु लोके चैव यशस्करः ।।8/387

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
अपने राज्य में इन पाँचों को दण्ड देने वाला राजा राजाओं में सबसे अधिक साम्राज्य की पदवी प्राप्त करता है और इस संसार में यश भी पाता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
अपने राज्य में इन पांचों प्रकार के व्यक्तियों पर काबू रखने वाला राजा सजातीय अन्य राजाओं में साम्राज्य करने वाला अर्थात् राजाओं में शिरोमणि बन जाता है और लोक में यश प्राप्त करता है ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
एवं, इन उपर्युक्त पांचों दुष्टों का स्वकीय राज्य में निग्रहकरण, राजा को अन्य सब राजाओं में साम्राज्य का दिलाने वाला, तािा लोक में उसके यश का बढ़ाने वाला होता है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
इन पाँचों का अपने देश में दमन करने वाला राजा अन्य राजाओं में मान पाता है और लोक में उसका यश बढ़ता है।
 
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