Manu Smriti
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साहसे वर्तमानं तु यो मर्षयति पार्थिवः ।स विनाशं व्रजत्याशु विद्वेषं चाधिगच्छति ।।8/346

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
जो राजा बलात्कार करने वाले मनुष्य के अपराध को सहन कर लेता है अर्थात् उसे दण्ड नहीं देता वह शीघ्र ही नाश व विद्वेष को पाता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. जो राजा साहस में वर्तमान पुरूष को न दंड देकर सहन करता है वह राजा शीघ्र ही नाश को प्राप्त होता है और राज्य में द्वेष उठता है । (स० प्र० षष्ठ समु०)
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
अतः, जो राजा बलात्कार करने वाले को दण्ड न देकर उसे क्षमा करता है, वह शीघ्र ही विनाश को प्राप्त होता है और राज्य में द्वेषभाव फैलता है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
जो राजा डाका डालने वाले को क्षमा करता है। उसका शीघ्र नाश हो जाता है और लोग उसके द्वेषी हो जाते हैं।
 
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