अन्येषां चैवमादीनां मद्यानां ओदनस्य च ।पक्वान्नानां च सर्वेषां तन्मुल्याद्द्विगुणो दमः ।।8/329 यह श्लोक प्रक्षिप्त है अतः मूल मनुस्मृति का भाग नहीं है
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
इसी प्रकार अन्य पदार्थ हैं अर्थात् मद्य, मोदक (लड्डू), दाल, भात आदि पकवानों में से किसी एक वस्तु के चुराने में उस वस्तु के मूल्य का दुगुना दंड होना चाहिए।