Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
कुलीन पुरुष वा विशेष कर बड़े कुल की स्त्रियाँ तथा उत्तम, उत्तम रत्नों में से किसी एक के चुराने व हरण कर गुप्त कर देने से वध करने योग्य होता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. कुलीन पुरूषों और विशेषरूप से स्त्रियों का अपहरण करने पर तथा मुख्य हीरे आदि रत्नों की चोरी करने पर, शारीरिक दण्ड (ताड़ना से प्राणवध तक देना) चाहिए ।