Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
शास्त्र मर्यादा का उल्लंघन करने वाला, नास्तिक, प्रजा की रक्षा न करने वाला प्रजा को पीड़ित करने वाला, प्रजा की रक्षा न करके कर आदि को ग्रहण करने वाला राजा अधोगति को प्राप्त होता है।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
शास्त्रोक्त मर्यादा के अनुसार न चलने वाले ईश्वर से अविश्वास करने वाले लोभ आदि के वशीभूत प्रजाओं की रक्षा न करने वाले, और कर आदि का धन प्रजाओं के हित में न लगाकर स्वयं खा जाने वाले राजा को नीच समझना चाहिए अथवा यह समझना चाहिए कि उसकी शीघ्र ही अवनति या पतन हो जायेगा ।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
मर्यादा-रहित, नास्तिक, लोभी, अरक्षक, और कर का धन खाने वाले राजा को नीच समझना चाहिये।