Manu Smriti
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गृहं तडागं आरामं क्षेत्रं वा भीषया हरन् ।शतानि पञ्च दण्ड्यः स्यादज्ञानाद्द्विशतो दमः ।।8/264

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
यदि कोई भय दिखाकर घर, तालाब, बगीचा अथवा खेत को ले ले, तो राजा उस पर पांच सौ पणों का दण्ड करे यदि अन जाने में अधिकार कर ले तो दो सौ पणों का दण्ड दे ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
परन्तु यदि कोई मनुष्य भय दिखा कर किसी के मकान, तालाब, बगीचे या खेत को जबर्दस्ती छीन ले, तो राजा उसे पाँच सौ पण जुर्माना करे। और यदि अज्ञानवश ले, तो उसे १०० पण दण्ड दे।
 
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