Manu Smriti
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सामन्ताश्चेन्मृषा ब्रूयुः सेतौ विवादतां नृणाम् ।सर्वे पृथक्पृथग्दण्ड्या राज्ञा मध्यमसाहसम् ।।8/263

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
. दो ग्राम वासियों में परस्पर सीमासम्बन्धी विवाद उपस्थित होने पर गांव के निवासी यदि झूठ या गलत कहें तो राजा उनमें से झूठ कहने वाले प्रत्येक को ‘मध्यमसाहस’ का दण्ड दे ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
परन्तु यदि इस सीमा-सम्बन्धी झगड़े में मुखिया लोग झूठ बोलें, तो राजा उन सब को पृथक-पृथक पाँच पाँच सौ पणों का जुर्माना करे।
 
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