Manu Smriti
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ते पृष्टास्तु यथा ब्रूयुः समस्ताः सीम्नि निश्चयम् ।निबध्नीयात्तथा सीमां सर्वांस्तांश्चैव नामतः ।।8/255

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
वे सब गवाह एक मत होकर जैसा निश्चय करें राजा उसी के अनुसार सीमा को बाँधे तथा उन सब साक्षियों का नाम भी निर्णय लेख पर लिख लें।
Commentary by : पण्डित राजवीर शास्त्री जी
राजा के द्वारा पूछने पर अर्थात् जांच - पड़ताल करने पर सीमा - निश्चय के विषय में वे सब - साक्षी और गांव के उपस्थित कुलीन पुरूष जैसे एकमत होकर कहें - स्वीकार कर लें राजा उसी प्रकार सीमा को निर्धारित कर दे और उन उपस्थित सभी साक्षियों एवं पुरूषों के नामों को भी लिखकर रख ले (जिससे पुनः विवाद उपस्थित होने पर यह ज्ञात हो सके कि किन - किन लोगों के समक्ष या गवाही से यह निर्णय हुआ था) ।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
पूछने पर सब साक्षी लोग एकसम्मत होकर सीमा के सम्बन्ध में जिस तरह से जो निश्चय बतलावें, राजा उसी तरह सीमा का नक्शा खींच ले और उन सब साक्षियों के नाम अंकित करले।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
पूछने पर वे लोग सीमा के विषय में जो निश्चय करें वैसी ही सीमा नियत कर दी जावे। और उन सब के नाम भी लिख लेवें।
 
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