Manu Smriti
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अश्मनोऽस्थीनि गोवालांस्तुषान्भस्म कपालिकाः ।करीषं इष्टकाङ्गारांश्शर्करा वालुकास्तथा ।।8/250

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
पत्थर, हड्डियां, गाय के बाल, भूसा, राख, खोपड़ियां, सूखे कण्डे, ईंटें, कोयले, कंकड़-बज़री, रेत, तथा ऐसे ही अन्य पदार्थ जिन्हें कालान्तर में शीघ्र भूमि न खा जावे, अर्थात् उन की मिट्टी न बन जावे, उन्हें सीमा के संधिस्थानों में गुप्त तोर पर गड़वावे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
अश्मनः) पत्थर, (अस्थीनि) हड्डियां, गोबाल, तुष, भस्म, कपाल, करीष (झरने उपले), ईंट, कोयले, शर्करा (कंकड़), बालू।
 
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