Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
पत्थर, हड्डियां, गाय के बाल, भूसा, राख, खोपड़ियां, सूखे कण्डे, ईंटें, कोयले, कंकड़-बज़री, रेत, तथा ऐसे ही अन्य पदार्थ जिन्हें कालान्तर में शीघ्र भूमि न खा जावे, अर्थात् उन की मिट्टी न बन जावे, उन्हें सीमा के संधिस्थानों में गुप्त तोर पर गड़वावे।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
अश्मनः) पत्थर, (अस्थीनि) हड्डियां, गोबाल, तुष, भस्म, कपाल, करीष (झरने उपले), ईंट, कोयले, शर्करा (कंकड़), बालू।