Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
उस क्षेत्र (खेत) के बचाने के अर्थ इतनी ऊँची बाड़ बनावें जिसको ऊँट देख न सके सम्पूर्ण छिद्रों को बन्द कर दें जिसमें कुत्ता व सूअर का मुँह उसमें न जा सके और वे अन्न को न खा सकें।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
वहां, अर्थात् गोचर-भूमि के समीपवर्ती खेत में, मेंड, इतनी ऊँची होनी चाहिए कि जिससे भीतर के धान्य को ऊंट न देख सके। और, उसमें ऐसे छिद्र न रहने दे, जिस में कुत्ते या सूअर का मुंह जा सके।