Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
भेड़ व बकरी को भेड़िया ने घेरा हो और चरवाहा उसे भेड़िये से न छुड़ावे वरन् भेड़िया बलात् उसे मार डाले तो उस पशु वध का पाप चरवाहे को लगता है।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
यदि भेड़-बकरी को शेर-चीता-भेड़िया आदि हिंसक पशु ने घेर लिया हो और उस समय चरवाहा रक्षार्थ उनके पास न आवे, और उस हालत में वह हिंस्रक पशु किसी भेड़-बकरी पर झपट कर उसे मार डाले, तो इस का दोष चरवाहे पर है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
यदि (अजा + अविके) बकरी और भेड़ का भेड़िया घेर ले और चरवाहा बचाने न जाय, तो जिसको भेड़िया जबरदस्ती मार जाय, उसके मारने का दोष चरवाहे को लगे।