Manu Smriti
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पशुषु स्वामिनां चैव पालानां च व्यतिक्रमे ।विवादं संप्रवक्ष्यामि यथावद्धर्मतत्त्वतः ।।8/229

 
Commentary by : स्वामी दर्शनानंद जी
पशुओं के विषय में पशु स्वामी और पशुपालकों अर्थात् अहीरादि इनके विवाद को यथार्थ धर्मानुकूल कहेंगे।
Commentary by : पण्डित चन्द्रमणि विद्यालंकार
पशुओं के विषय में पशुस्वामियों और पशुपालकों के बीच किसी प्रकार का व्यतिक्रम हो जाने पर जो झगड़ा उपस्थित होता है, अब उसका न्यायानुसार यथावत् वर्णन किया जाता है।
Commentary by : पण्डित गंगा प्रसाद उपाध्याय
पशुओं के सम्बन्ध में मालिक और चरवाहे के झगड़े के नियम धर्मानुसार कहता हूँ। दिवा वक्तव्यता पाले रात्रौ स्वामिनि तद् गृहे ।
 
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